Monday, May 31, 2021

Essay on child labour in hindi

Essay on child labour in hindi

essay on child labour in hindi

 · Child Labour Essay in Hindi: हमारे देश में छोटे बच्चों को फुटपाथ पर, ट्रैफिक सिग्नलों पर, बस स्टॉप पर और यहां तक कि विशाल तारकीय दुकानों के सामने सामान बेचते हुए देखना आम है। उनमें से कुछ मुश्किल से दस साल कि आयु के होते हैं। स्थिति तब और अधिक असहज हो जाती है जब आपके पास आपका बच्चा होता है।Estimated Reading Time: 4 mins Essay on Child Labour in Hindi - बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12  · Essay on Child Labour in Hindi अर्थात इस article में आप पढेंगे, बाल-मजूदूर पर एक निबंध जिसका शीर्षक है, बाल-मजूदूर-समस्या (Child Labour Problem)Estimated Reading Time: 4 mins



बाल मजदूरी पर निबंध - Child Labour Essay in Hindi + Words



बाल मजदूरी पर निबंध Child Labour Essay in Hindi : किसी भी व्यवसाय और क्षेत्र में नन्हे बच्चो द्वारा करवाए गई काम एवं सेवा को बाल मजूरी कहा जाता हैं। इसका कारण गैर-जिम्मेदार पेरेंट्स माता-पिता या फिर आपने फायदे हेतु जबरदस्ती काम करवाते मालिक हैं।. आजकल कई जगहों पर बच्चों द्वारा अपने बचपन में की गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। ये गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से या फिर मज़बूरी का फायदा उठाने के लिए मालिकों जबरजस्ती करते है और दबाव की वजह से विवश हो कर अपना जीवन जीने के लिए और जीवन जरुरी साधनो की कमी को पूरा करने के लिए बच्चो को मजबूरन ये काम करना पड़ता है और दुःख की बात तो ये है की हमारे देश में ही नहीं होता बल्कि विदेशो में भी ऐसे कई किस्से पाए जाते है और ये हमारे लिए essay on child labour in hindi बहुत शर्म की बात है।, essay on child labour in hindi.


और इस समस्या के हल के लिए सारे नागरिको को जागृत होना चाहिए तभी हम इस व्यथा को दूर कर पाएंगे। बाल मजदूरी बच्चो से करवाया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों या घनिको द्वारा करवाया जाता है. वे लोग इन मासूम बच्चो की मज़बूरी का फायदा उठाते है और उनसे जबरजस्ती से काम करवाते है बचपन सभी बच्चो का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माँ-बाप के प्यार सेउनकी देख रेख से सभी बच्चो को मिलता है और सभी बच्चो को मिलना भी चाहिए किन्तु उन मजबूर बच्चो के जीवन में कई सारी चीजों की कमियाँ होती है जिनकी वजह से वो काम करने को मजबुर हो जाते है उनका शारीरिक और मानसिक विकासदिमाग का सम्पूर्ण विकास essay on child labour in hindi होना सामाजिक और बौद्विक रूप से अस्वस्थ आदि हो जाते है।.


इसकी वजह से बच्चे बचपन के प्यारे और खूबसूरत लम्हो से विमुख हो जाते है जो हर एक बच्चे के जीवन का यादगार और हसीन पल होता है। ये सारी बाधाए किसी भी बच्चे को साधारण बच्चे की तुलना में अलग रखती है जिनकी वजह से उनका मानसिक विकास रुक जाता है वो ख़तरनाक और किसी गैर मार्ग पर भी जा सकता है। इस बाल मजदूरी को रोकने के लिए कई सरे निति-नियमकायदे-कानून बनाये है लेकिन फिर essay on child labour in hindi ये कृत्य बढ़ता ही जा रहा है।.


बाल मजदूरी इंसानियत के लिए शर्म की बात है और ये एक बहोत बड़ा अपराध है जो हमारे देशसमाजराष्ट्र बल्कि सभी के लिए एक श्राप हैऔर ये देश के विकास में बाधक रूप है। बचपन जीवन का सबसे यादगार और सीन पल हप्ता है जिसे हर बच्चे को जीने का जन्म सिद्ध अधिकार है।.


बच्चो को अपने दोस्त बनाने काउनके साथ खेलने कास्कूल जाने काessay on child labour in hindi, मातापिता का प्यार, संस्कार और परवरिश काउपरांत प्रकृति की संदरता का आनंद लेने का और इन सभी खूबसूरत पलो को जीने का पूरा अधिकार है. लेकिन केवल कुछ लोगो की वजह की गलत समझ और बेशर्मी की वजह से बच्चो कोअपने बचपन का त्याग करके मजबूरन ऐसा जीवन जीना पड़ता है। जीवन के कुछ जरूरी साधनो की पूर्ति के लिए उन्हें अपना हसीन बचपन कुर्बान करके ऐसी दुःखद परिस्थिति में जीना पड़ता है।.


इन परिस्थियों में ज़्यादातर जिम्मेदार बच्चो के माँ-बाप ही होते है उनकी गैरज़िम्मेदारी और लापरवाही की वजह से ही बच्चों की ऐसी दशा होती है कई माँ-बाप अपने बच्चो को अपनी जागीर मानते है उन्हें अपने फायदे के लिए इतेमाल करते हैकोई पैसों की कमी की वजह से तो कोई जांनबुज कर ऐसा काम करवाते है। बच्चो की उम्र ये सब काम करने की नहीं होती वो मुस्कुराते हुए और खेलते हुए ही अच्छे लगते हैदोस्तों के साथ खेलनाबाते करनाकुछ नया सीखनाकुछ आदते को अपना नाजिम्मेदार इंसान बननाहसी मजाक और प्यार के भरा जीवन जीना आदि हर एक बच्चे के जीवन में ऐसे लम्हे होने आवश्य्क है। जिनकी वजह से उनका तन और मन शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहे। जो देश के उज्जवल भविष्य के लिए अतिआवशयक है।.


माता-पिता को परिवार की जिम्मेदारियाँ खुद लेनी चाइये और अपने बच्चो को उनका बचपन बहुत सारा प्यारअपनापन और अच्छी परवरिश के साथ जीने देना चाहिए। सारी दुनिया में बल मजदूरी के लिए मुख्य कारण माता-पिता की लापरवाहीगरीबीबेरोजगारी ,अनुचित जीवनशैलीतथा सामाजिक अन्यायस्कूलों की कमीअप्रभावशाली कानून और गैरसमज है जो देश के विकास को रोक देता है।.


विकासशील देशो मेंessay on child labour in hindi, शिक्षा के लिए कम जागरूकतागरीबी और निरक्षरता की वजह से बल मजदूरी की घटनाएँ बहुत अधिक बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अपने माता-पिता के साथ कृषि में बहोत ही छोटी छोटी उम्र के बच्चे भी देखने को मिलते है। सारे विश्व में सभी देशो में बल मजदूरी का सबसे मुख्य कारण गरीबीनीरक्षरता और स्कूलों की कमी है।.


बचपन सबके जीवन का सबसे आनंदमय और खुशनुमा अनुभव बन जाता है क्योकि बचपन बहुत आवश्यक और दोस्ताना पल होता है सिखने का। अपने माता-पिता से बच्चों को पूरा अधिकार होता है जैसे कीखास देख-रेख पाने का, प्यार और परवरिश का, essay on child labour in hindi, स्कूल जाने का, दोस्तों के साथ खेलने का और दूसरे खुशनुमा और आहलादक पलों का लुफ्त उठाने का। बल मजदूरी रोज ब रोज न जाने किते मासूम बच्चो का जीवन बिगड़ रहा है ये कृत्य बहुत ही शर्मजनक और गैर-कानूनी है जिसके सामने आवाज उथ नी चाहिए और ये कृतीय पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या कठोर सजा सुनाई जानी चाहिए।.


इस बुराई को पुरे विश्व से दूर करने के लिए हम जो भी प्रयत्न करते है वो सभी असफल हो जा रहे है। इतनी छोटी सी आयु में उनके साथ क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है इस बात का अहसास करने के लिए वो बहुत ही नादान ,प्यारे और मासूम है। वो इस बात को समज ने के लिए इस उम्र के हिसाब से सक्षम नहीं है की वो समज सके की क्या गलत है और क्या गैर-कानूनी है,बल्कि वो तो अपनेद कामो की छोटी सी कमाई से भी खुश हो जाते है। और इसकी वजह से अनजाने में वो अपनी रोजाना की छोटी सी कमाई में ही रूचि रखने लगता है और अपना पूरा जीवन और आने वाले भविष्य भी ऐसे ही चला ते रहते है।.


बच्चे देश की अमूल्य संपत्ति है जिन्हे हमे सुरक्षीत रखना चाहिए लेकिन इनके माता-पिता की गलत समजगरीबी और पैसो की कमी की वजह से जो बच्चे हमारे देश की शक्ति थी वो अब कमजोरी बनती जा रही है बच्चो के अच्छे भविष्य और कल्याण के लीयते समाज और सर्कार के द्वारा कई जागरूकता के कार्यक्रम किये जा रहे है लेकिन इसके बावजूद essay on child labour in hindi गरीबी रेखा के निचे जी रहरे बच्चो को मजबूरन रोज ये बाल मजदूरी करनी पड़ती है।.


किसी भी देश के लिए बच्चे उगते हुए सूरज की चमकती हुई रोशनी की तरह होते है जबकि कुछ लोग पैसो की लालच में आकर या फिर अपने फायदे के लिए इन बच्चो को की खान में धकेल देते है और साथ ही देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते है। ये लोग निर्दोष और लाचार बच्चो के साथ खिलवाड़ करते है। जब की इसमें गलती बच्चों की नहीं है बल्कि उनके माँ-बाप की है जो अपने बच्चो के साथ ऐसा सुलूक होने देते है कई माँ-बाप की मजबूरन अपने बच्चे को ऐसा करने के लिए कहेते है। बल मजदूरी जैसे शर्मजनक कृत्य से बच्चो को बचाने की जिम्मेदारी देश के हर एक नागरिक की है। ये एक सामाजिक समस्या है जो काफी लंबे समय से चली आ रही है और इसे जड़ उखड फेखने की जरुरत है और इसके लिए देश का हर एक नागरिक जागृत होना चाहिए अगर देश के सभी लोग सहयोग दे तो हम इस समस्या का हल कर सकते है और इसे सदा के लिए बंध कर सकते है।.


बाल मजदूरी की ये विकत समस्या ने अब वैश्विक रूप ले लिया है क्योकि अब ये देश के विकास और वृद्धि में भी बाधाए ला रही है स्वस्थ बच्चे किसी भी देश के लिये उज्जवल भविष्य और देश की अमूलय संपत्ति होती है।. देश आजाद होने के बादइस समस्या को जड़ से उखाड़ने के लिए कई कायदे-कानून बनाये गए लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुवा। इसके कारन बच्चो का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक तरीके से विकास रुक गया। बच्चे प्रकृति की बनायीं एक प्यारी सी और मासूम कलाकृति है लेकिन essay on child labour in hindi बिलकुल भी उचित नहीं है की बुरी परिस्थियों की वजह से बिना सही उम्र में पहुंचे इतना कठिन श्रम करना पड़े। कुछ बछ्कों की मजबूरिया होती है तो कुछ बच्चे किसी धनिक या मालिकों के दर की वजहसे अपनी साडी खुशियो का गला घोट के ऐसी काली मजूरी करते है।.


बाल मजदूरी की ये विकत समस्या ने अब वैश्विक रूप ले लिया है क्योकि अब ये देश के विकास और वृद्धि में भी बाधाए ला रही है स्वस्थ बच्चे किसी भी देश के लिये उज्जवल भविष्य और देश की अमूलय संपत्ति होती है। और इतना ही नहीं बाल मजदूरी बच्चे के साथ देश को भी नुकसान पहुँचाती है इसकी वजह से देश के भविष्य का तो नुकसान होता ही है और बच्चो के बचपन को भी छीन लेता है। उपरांत कई बच्चे तो कई सारी ख़राब आदतो का शिकार हो जाते है और ये ख़राब आदते उनके जीवन को नर्क बना देता है.


हमे इस बल मजदूरी के कृत्य को रोकना चाहिए। यदि हम सब मिलकर इस समस्या को हल करेंगे तो अवश्य ही इसको जड़ से उखाड कर फेक शकेंगे। हमे आने देश के बच्चो को ऐसी ख़राब आदतों से बचने के लिए और देश के भविष्य के लिए कुछ न कुछ उपाय निकलना होगा।, essay on child labour in hindi.


किसी भी देश के लिए बच्चे उगते हुए सूरज की चमकती हुई रोशनी की तरह होते है जबकि कुछ लोग पैसो की लालच में आकर या फिर अपने फायदे के लिए इन बच्चो को की खान में धकेल देते है और साथ ही देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते है। ये लोग निर्दोष और लाचार बच्चो के साथ खिलवाड़ करते है। जब की इसमें गलती बच्चों की नहीं है बल्कि उनके माँ-बाप की है जो अपने बच्चो के साथ ऐसा सुलूक होने देते है कई माँ-बाप की मजबूरन अपने बच्चे को ऐसा करने के लिए कहेते है।.


बल मजदूरी जैसे शर्मजनक कृत्य से बच्चो को बचाने की जिम्मेदारी देश के हर एक नागरिक की है। ये essay on child labour in hindi सामाजिक समस्या है जो काफी लंबे समय से चली आ रही है और इसे जड़ उखड फेखने की जरुरत है और इसके लिए देश का हर एक नागरिक जागृत होना चाहिए अगर देश के सभी लोग सहयोग दे तो हम इस समस्या का हल कर सकते है और इसे सदा के लिए बंध कर सकते है।. बाल मजदूरी की ये विकट समस्या ने अब वैश्विक रूप ले लिया है क्योकि अब ये देश के विकास और वृद्धि में भी बाधाए ला रही है स्वस्थ बच्चे किसी भी देश के लिये उज्जवल भविष्य और देश की अमूलय संपत्ति होती है। और इतना ही नहीं बाल मजदूरी बच्चे के साथ देश को भी नुकसान पहुँचाती है इसकी वजह से देश के भविष्य का तो नुकसान होता ही है और बच्चो के बचपन को भी छीन लेता है।, essay on child labour in hindi.


उपरांत कई बच्चे तो कई सारी ख़राब आदतो का शिकार हो जाते है और ये ख़राब आदते उनके जीवन को नर्क बना देता है. बाल मजदूरी कर रहे बच्चो के माता-पिता या गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे लोग अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर पाते है और अपना गुजरान चलने के लिये भी जरुरी पैसा भी नहीं कमा पाते है। इसी वजह से वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाए कठिन श्रम में शामिल कर लेते है। ताकि उनके जीवन जरूरियात की चीजे ले सके और ये हमारे देश के लिए बहुत ही शर्मजनक बात है।.


वो मानते है कि बच्चों को स्कूल भेजना समय की बरबादी है और कम उम्र में पैसा कमाना परिवार के लिये अच्छा होता है। अमीरों को गरीबों की मदद करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे सभी जरुरी चीजें अपने बचपन में पा सके। इसको जड़ से मिटाने के लिये सरकार को कड़े कायदे-कानून बनाने चाहिए। और उन्हें कठिन रूप से पालन भी करवाना चाहिए। जो essay on child labour in hindi ऐसे छोटे बच्चो से बल मजदूरी करवाते है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।.


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